माता पुत्री से – तुम्हारा जन्म हमारे लिए एक वरदान है, तुम देश की “केन्द्रीय सचिव” बनकर हमारे कुल को गौरवान्वित करोगी।
पुत्री माता से – वो सब तो ठीक है, परन्तु यह बताये –
“येयं प्रेते विचिकित्सा मनुष्येऽस्तीत्येके नायमस्तीति चैके “
“मरे हुए मनुष्य के विषय में जो यह संशय है, कोई कहता है मृत्यु के बाद आत्मा रहता है और कोई कहता है आत्मा नहीं रहता ?”

















