Guru to his student – दृष्टा ही दृश्य का निर्माण करके उसे सत्य मानता है । दृश्य सत्य नहीं है ! अब तुम्हारी शिक्षा सामप्त हुई, तुम ब्रहमज्ञानी हो ।
Student – यह सब आपका आशीर्वाद है। अब मे इस प्राप्त ज्ञान से दुनिया जीत लूगा, संसार मे आपकी कीर्ति को फेला दूगा ।
Guru – मुर्ख , जाओ ग्रहस्थ बन जाओ और परिवार पालो ।