जो देख रहा (seer) उसके लिए दूसरों की मृत्यु एक दुखद घटना है । वह शोक प्रकट कर सकता है , दुखी परिवारजनों को सांत्वना दें सकता है और मृत शरीर का अन्तिम संस्कार कर सकता है ।
पर जब वह स्वयं मरेगा , तब यह सारे लोग जिन्हें वो जानता और देखता है वो भी उसके साथ ही पंचतत्व में लीन हो जायेंगे।
देखने वाले का कभी भी अन्तिम संस्कार नहीं होगा ।