Agni Theertham
Agni Theertham

Brahmahatya (ब्रह्महत्या)

Brahmahatya means “the act of killing a brahmin”. A brahmin is considered as most supreme being and if one kills a brahmin, that is considered as the greatest sin a being can ever commit.

Who is Brahmin ?

येन सर्वमिदं बुद्धं प्रकृतिर्विकृतिश्च या।
गतिज्ञः सर्वभूतानां तं देवा ब्राह्मणं विदुः।। – Mahabharata Shanti Parva 269.32

जिसको इस संपूर्ण जगत् की नश्वरता का ज्ञान है, जो प्रकृति और उसके विकारो से परिचित है तथा जिसे संपूर्ण भूतों की गति का ज्ञान है, उसे देवतालोग ब्राह्मण कहते है ।

What does scripture say about Brahmahatya ?

As mentioned in Shiv Mahapurana, uma-samhita 21.35-37

आततायिनमायान्तमपि वेदान्तङ्गं द्विजम् ।
जिघांसन्तं जिघांसेत्तु न तेन ब्रह्महा भवेत् ॥ ३५ ॥

मारनेके लिये आते हुए वेदान्तपारंगत आततायी ब्राह्मणको भी मार देना चाहिये, इससे व्यक्ति ब्रह्महत्यारा नहीं होता है !

हन्तव्योऽपि न हन्तव्यः पानीयं यश्च याचते ।
रणे हत्वातुरान् व्यास स नरो ब्रह्महा भवेत् ॥ ३६

हे व्यास! मारनेके योग्य मनुष्य भी यदि [प्याससे पीड़ित होकर] जल माँगे, तो उसका नहीं करना चाहिये; संग्राममें रोगियों को मारनेसे वह मनुष्य ब्रह्मघाती हो जाता है ॥ ३६ ॥

व्याधितं दुर्बलं बालं स्त्र्यनाथौ कृपणं ध्रुवम्।
धनुर्भग्नं छिन्नगुणं हत्वा वै ब्रह्महा भवेत् ॥ ३७

रोगग्रस्त, दुर्बल, बालक, स्त्री, अनाथ, कृपण प्रयान्ति सम्पू टूटे हुए धनुषवाले, टूटी हुई धनुषकी डोरीवाले व्यक्तिको [युद्धमें] मारनेसे निश्चितरूपसे ब्रह्महत्याका पाप लगता है ॥ ३७॥

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