नान्यं गुणेभ्यः कर्तारम्

नान्यं गुणेभ्यः कर्तारम्

नान्यं गुणेभ्यः कर्तारम् – There is no doer expect these gunas (Sattva, Rajas, Tamas), they motivate each person to do actions. The humans are derived by these gunas, therefore these gunas are actual doer.

  • Sattva guna motivates for goodness, calmness, knowledge
  • Rajas guna motivates for desires, activity, actions and results
  • Tamas guna motivates for ignorance, inertia, attachment

Complete verse in Bhagavata Gita 14.19

नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति।
गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति।।

जब द्रष्टा पुरुष तीनों गुणों के अतिरिक्त किसी अन्य को कर्ता नहीं देखता और तीनों गुणों से परे मेरे तत्व को जानता है, तब वह मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है।

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