इह चेदवेदीदथ सत्यमस्ति

इह चेदवेदीदथ सत्यमस्ति

This statement is highlighted by “Kenopanishad”, that a man should understand the Self Knowledge in this world, if he goes from this world without understanding than it is greatest loss ( इह चेदवेदीदथ सत्यमस्ति, न चेदिहावेदीन्महती विनष्टिः )

Kenopanishad 2.5

इह चेदवेदीदथ सत्यमस्ति। न चेदिहावेदीन्महती विनष्टिः।
भूतेषु भूतेषु विचित्य धीराः। प्रेत्यास्माल्लोकादमृता भवन्ति ॥ – Kenopanishad 2.5

Hindi Meaning

इस लोक में आत्म ज्ञान को प्राप्त कर लेना ही सही है, यदि इस लोक में आत्म ज्ञान की प्राप्ति नहीं की तो महाविनाश है। ज्ञानीजन विविध प्राणियों में परब्रह्म का विवेचन कर, इस लोक से प्रयाण करके अमर हो जाते हैं।

English Meaning

A man should understand the Self Knowledge in this world, if he goes from this world without understanding than it is greatest loss. Wise men see this Atman in all living forms, and with this knowledge they become immortal.

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